हिंदी भाषा
नेता जी समझा गए , अंग्रेजी का मोल,
अंग्रेजी महान है , तू अंग्रेजी ही बोल
अंग्रेजी में बात करेगा , तेरा सब पर रोब जमेगा ,
हिंदुस्तान की धरती पर , अंग्रेजी में राज चलेगा .
देशी भाषा बढ़ न पायें , भाषा को विवाद बनाया
परस्पर लड़ , सब कांतिहीन हुईं ,ऐसा माया जाल बिछाया .
अनेकों नेता ऐसे हैं जो अंग्रेजी में राज हैं करते ,
वोट मांगने जाते हैं जब, दो-चार वाक्य हिंदी में पढ़ते .
बालीवुड के सब अभिनेता , हिंदी फिल्मों से धन हैं पाते ,
उनसे कोई प्रश्न करे तो , अंग्रेजी में रोब जमाते .
राजनीति इनकी सब देखो ,एक दिवस हिंदी का डाला ,
तीन सौ चौंसठ दिन रहता है , अंग्रेजी का बोलबाला .
दुनियां में भारत ही ऐसा , बिन निज भाषा आगे बढ़ता ,
निज भाषा की घोर उपेक्षा ,विश्व का कोई देश न करता .
जिसकी स्व भाषा नहीं , क्या उसका आधार .
मुट्ठी भर पढ़ जायेंगे , रहेंगे शेष बेकार ..
अंग्रेजी आती नहीं , न निज भाषा का ज्ञान .
ऐसी भीड़ को ढो रहा , भारत देश महान ..
विदेशी भाषा में जो सोचें , देश के कारोबार .
समाधान क्या होएंगे , जिनका नहीं आधार .
अक्षम नेता हैं कर रहे , विदेशी धन की आस .
क्यों होगी हमसे हमदर्दी , होंगे सभी निराश ..
उठो देश के युवकों जागो , अपना भाग्य है तुम्हें बनाना .
निज भाषा को विकसित कर दो , तुमको यदि आगे है जाना ..
नेता जी समझा गए , अंग्रेजी का मोल,
अंग्रेजी महान है , तू अंग्रेजी ही बोल
अंग्रेजी में बात करेगा , तेरा सब पर रोब जमेगा ,
हिंदुस्तान की धरती पर , अंग्रेजी में राज चलेगा .
देशी भाषा बढ़ न पायें , भाषा को विवाद बनाया
परस्पर लड़ , सब कांतिहीन हुईं ,ऐसा माया जाल बिछाया .
अनेकों नेता ऐसे हैं जो अंग्रेजी में राज हैं करते ,
वोट मांगने जाते हैं जब, दो-चार वाक्य हिंदी में पढ़ते .
बालीवुड के सब अभिनेता , हिंदी फिल्मों से धन हैं पाते ,
उनसे कोई प्रश्न करे तो , अंग्रेजी में रोब जमाते .
राजनीति इनकी सब देखो ,एक दिवस हिंदी का डाला ,
तीन सौ चौंसठ दिन रहता है , अंग्रेजी का बोलबाला .
दुनियां में भारत ही ऐसा , बिन निज भाषा आगे बढ़ता ,
निज भाषा की घोर उपेक्षा ,विश्व का कोई देश न करता .
जिसकी स्व भाषा नहीं , क्या उसका आधार .
मुट्ठी भर पढ़ जायेंगे , रहेंगे शेष बेकार ..
अंग्रेजी आती नहीं , न निज भाषा का ज्ञान .
ऐसी भीड़ को ढो रहा , भारत देश महान ..
विदेशी भाषा में जो सोचें , देश के कारोबार .
समाधान क्या होएंगे , जिनका नहीं आधार .
अक्षम नेता हैं कर रहे , विदेशी धन की आस .
क्यों होगी हमसे हमदर्दी , होंगे सभी निराश ..
उठो देश के युवकों जागो , अपना भाग्य है तुम्हें बनाना .
निज भाषा को विकसित कर दो , तुमको यदि आगे है जाना ..
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