बिल्ली और बन्दर
दो बिल्लियाँ साथ थीं रहती
साथ खेलतीं , साथ दौड़तीं
खाने का जब अवसर आता
आपस में वे खूब झगड़तीं .
एक बिल्ली ने रोटी पाई
रोटी लेकर घर को आई
दूसरी को भी भूख लगी थी
दोनों में छिड़ गई लड़ाई .
लड़ते-लड़ते थक गईं दोनों
भूखी बैठ लगी सुस्ताने
बन्दर मामा उधर से निकले
लगे उनका झगडा सुलझाने .
बन्दर एक तराजू लाया
दो टुकड़े कर लगा तौलने
जो टुकड़ा भारी पड़ जाता
काट उसे लगता खुद खाने .
रोटी तोड़ वह खाता जाता
भूखी बिल्लियाँ देखती जाएँ
बन्दर की चालाकी समझीं
अपने लड़ने पर अब पछ्ताएं।
.
बिल्ली बोली बन्दर मामा से
तुम जाओ हम बाँट के खाएं
बन्दर बोल म्हणत मेरी
क्यों हम रोटी छोड़ के जाए ?
बची रोटी को मुंह में डाल
बन्दर ने अपनी भूख मिटाई
बिल्लियों की तरह ठगे जाते हैं
जो आपस में करें लड़ाई .
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