कैसी आज़ादी
असम में हुए कुछ ऐसे दंगे
लाखों लगे कैम्प पहुँचने .
दक्षिण से उत्तर आग लगी
सोते लोग लगे झुलसने .१.
उनमें इतना भय व्याप्त हुआ
बुद्धि शून्य, वे लगे बिलखने.
छोटी बड़ी नौकरियां छोड़ीं
असम प्रदेश को लगे लौटने २.
हजारों परिवार उजड़ते देखो
सतत काफिला चला जा रहा
शासकों को नहीं इसकी चिंता
सैंतालिस का मंजर याद आ रहा .३.
बच्चे , युवा , वृद्ध हैं घुसते
खचाखच भरी हुई ट्रेन में
महिलाएं धक्के खाती जातीं
भय - आतंक से भरी ट्रेन में .४.
लम्बा सफ़र राह है मुश्किल
खाने - पीने कि न कोई व्यवस्था
सांस लेने को जगह नहीं हैं
किस हाल में पहुंची राज्य व्यवस्था .५.
बसे हुए परिवार उजड़ गए
राष्ट्र भविष्य न कोई जाने
अंधकार में चले जा रहे
अपने ही घर में हुए बेगाने ..६.
देश में एक न ऐसा नेता
जो उनमें कुछ आस जगाये
जो भय से उनको मुक्त करे
और उनमें यह विश्वास जगाये ..७.
कि अपने घर में वे है बैठे
राष्ट्र उनके साथ खड़ा है
अपने घर में भय है किसका
भागने का क्यों भाव अड़ा है .८.
महाराष्ट्र में दंगे होते
पुलिस के लोग घायल हो जाते
क्या देंगे ये लोक - सुरक्षा
प्रश्न ये मन में है उठ जाते .९.
आस्ट्रेलिया ,ब्रिटेन या अन्य कहीं पर
एक भी भारतीय मारा जाता है
देश एक हो साथ है देता
जन - जन से सबका नाता है १०..
नेतृत्त्व शून्य देश यह लगता
स्वार्थ आज हैं सब पर हावी
नेता , अफसर की शक्ल न देखो
रूप बदल बनते मायावी .११.
विदेशी देश में घुस कर बैठे
गद्दारों से संरक्षण पाते .
विभाजन के हालात लौटते
मन में है भय भरते जाते .१२.
कानून व्यवस्था लचर बनाई
गहरे सोते मानवता वादी
पैंसठ वर्ष बाद शर्म है आती
देश में यह कैसी आज़ादी .१३.
भारत माँ के लाल हो रहे
अजनबी अपने ही देश में
ये कैसा माहौल बन गया
मेरे भारत देश में .१४.
हँसते - खेलते लोग परेशां
आज अपने ही देश में
घर- घर में भय व्याप्त हुआ
क्यों , पूर्वी - दक्षिणी प्रदेश में .१५.
रूपये शांति नहीं ला सकते
बिन विचार समाज नहीं बनता
शक्ति बिना शासन नहीं होता
बिन नेता कोई देश न बनता .16.
देश के युवकों अब तो जागो
धन ही सब कुछ नहीं है होता
यदि सुरक्षा नष्ट हो गयी
सारा जीवन खतरे में पड़ता १७.
मेरा कैरियर , मेरा कैरियर
मोटे -मोटे पॅकेज हैं पाते
देश कि जो नहीं करते चिंता
गहन अंधकार में है खो जाते .१८.
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