लोकतंत्र का विचार
भारत में अपराध तो होते हैं परन्तु अपराधी नहीं होते . यदि अपराधी होते ( पकडे जाते )तो ढाई - तीन करोड़ मुकदमें न्यायालयों में लंबित नहीं होते . इस सामंतवादी व्यवस्था में कानून में सुधार की आशा नहीं की जानी चाहिए . भारत में मुकदमें अपराधियों को बचाने के लिए होते हैं . भारत में नॅशनल ला कालेज खुले हैं , जहां से निकलने वाले कानूनविद बड़ी-बड़ी कंपनियों को क़ानून से बचाने के लिए नियुक्त हो रहे हैं . देश की क़ानून व्यवस्था की किसे चिंता है .
दिल्ली में छात्रा का अपहरण करके बुरी तरह घायल किया गया और रेप किया गया . 13 दिन जीवन से संघर्ष करने के बाद वह हार गई . युवा वर्ग ने इस अवसर पर जो आक्रोश प्रगट किया है , वह अद्भुत है . परन्तु इस प्रकार के आन्दोलन कब तक किये जा सकते हैं . व्यवस्था ऐसी होनी चाहिए जिसमें अपराध की संभावनाएं कम से कम हों . जब तक यह व्यवस्था पूरी तरह छात्रों के नियंत्रण में नहीं आएगी , अपराध नहीं रोके जा सकेंगे .
हमें एक ऐसी सामाजिक, राजनीतिक व्यवस्था निर्मित करनी है जिसमें प्राध्यापकों एवं बुद्धिजीवियों के ज्ञान , युवा छात्रों की शक्ति और सेवा निवृत्त कर्मचारियों - अधिकारीयों के अनुभव एवं समय का भरपूर उपयोग किया जा सके . तभी वास्तविक लोकतंत्र अर्थात जनता का, जनता के द्वारा, जनता के लिए शासन स्थापित होगा जिसमें कोई दूसरे का शोषण नहीं करेगा, सबको लाभ होगा और लोग संतुष्ट होंगे तो अपराध कम से कम होंगे .
concept of loktantr
In Indian courts more than 25 million cases are pending. it shows that in India crimes are recurring but no culprit exists. courts take several years even for Petty cases . delay in justice is justice denied . when there is no justice , criminals dominate and this is happening in India . Severe punishment may control the crime to some limit , but if a system with chances of minimum crimes is established , it would be far better . In that case the maximum energy of the society & state would be utilized in constructive work . Such a system can be developed only when the whole system does not come under the influence of student ,
The enthusiasm , energy and the anger shown by the youths in Delhi & through out India against the rape case, has created a fear among the politicians & they say that they also want to change the punishment process . But it is not possible to change the judicial system in India. they may decide one rape case in short time but what for the other thousands of rape cases pending in courts ? The question is how long & how many times the youth may come on roads ?
We need to develop such a system in which intelligence of the intellectuals . energy of the students & experiences of retired persons may be utilized in the interest of the nation . Only then Loktantr i.e. is the rule of people , the rule by the people & rule for the people will be established .
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