नव वर्ष की शुभकामनाएं
नया वर्ष हो नया सबेरा , खुशियाँ लेकर आये ,
सबमें उमंग हो बढ़ने की , हम आगे बढ़ते जाएँ
नव तरंग हो जीवन में नव चेतना के अंकुर हों
आनंद भरी राहें हों ,सबके कल्याण के सुर हों ।
चुनौती
दौलत, दौलत, हाय दौलत,दौलत का कारोबार किया ,
धर्म-कर्म कुछ नहीं होता , जैसा चाहा व्यवहार किया।
हिंसक पशु में भी नैतिकता, उदर पूर्ती सीमा होती,
हैवान हैं क्रूर हुआ करते,अति की सीमा है नहीं होती।
मनमाने दुर्व्यव्हार करें,जी भरके अत्याचार करें ,
है पेट नहीं उनका भरता, दुष्कर्म करें और वार करें।
हैवान पर करुणा बरसाई,अन्यायों का विस्तार हुआ,
'जो होता है ,होने दो', के भाव का खूब प्रचार हुआ।
चुप बैठकर मत अन्याय सहो,अपनी ताकत को पहचानो ,
चुनौती है, तो स्वीकार करो, ऐ परिवर्तन के दीवानों।।
शांति
बुरा नहीं हम देखते हैं, बुरा नहीं हम सुनते हैं,
बुरा नहीं हम कहते हैं ,इसीलिए चुप रहते हैं।
मंहगाई भ्रष्टाचर बढे या काला व्यापार बढ़े,
अन्दर - बाहर आतंक बढे,हम शान्ति बनाए रखते हैं
दुष्कर्म और अत्याचार बढ़ें, नौकर न कोई काम करें
प्रकरण उलझें न्यायालय में,हम कोई चिंता नहीं करते हैं.
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें