शुक्रवार, 19 अक्टूबर 2012

ध्यान -आव्हान

                      गणपति  देवता 
गणेश देवता विघ्नविनाशक, दयालु प्रभु कल्याण हैं करते .
सुख- आनंद को देने वाले, भक्तों के दुःख - रोगों को हरते .  

                           नवग्रह 
नवग्रह आप अनुग्रह  कीजिये, भय - कष्टों का हरण करें .
सुख - समृद्धि के आप हैं  दाता, पधारें , आसन गृहण  करें .

                          महालक्ष्मी 
धन से है यह विश्व विचरता, धन में सब गुण और सम्मान .
 महालक्ष्मी ! नमन हैं करते,   दें वरदान , बढ़ाएं मान .
                          
                           सरस्वती   
हमारे ज्ञान चक्षु खोलें, विद्या - विवेक की वृद्धि करें . 
मां  सरस्वती, नमन हैं करते , वर देकर समृद्ध करें .

                             दीपक 
सूर्य- चन्द्र सम ऊर्जा संचित, अग्निदेव का शक्ति भण्डार .
दीपक ज्ञान- प्रकाश  बिखेरें, जग से दूर करें अन्धकार .

                            कलश 
पवित्र गंगा, यमुना, सरस्वती, पंचनद, ब्रह्मपुत्र, कावेरी,
इरावती, महानदी, कृष्णा, सागर, नर्मदा और गोदावरी.
सूक्ष्म रूप से कलश में आयें, मेरे पूजन को सफल बनाएं.

                              कुबेर 
महालक्ष्मी देतीं धन - दौलत , कुबेर देवता रक्षा करें .
दिन पर दिन यह कोष बढे , कुबेर देवता कृपा करें .

             कलम-दवात- बही- कंप्यूटर पूजन 
कलम-दवात- बही- कंप्यूटर, सब हों सही  और  स्वस्थ रहें .
कम्पूटर वायरस से हों मुक्त , आयकर से खाते बचे रहें .
सरकार  भी व्यवसायी को समझे, उद्योग-हित में भी काम करे .
विदेशी ही सब कुछ नहीं होते , राष्ट्र हित में भी निर्णय ले .

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