गुरुवार, 4 अक्टूबर 2012

चिड़ीमार अर्थ शास्त्री

                                          चिड़ीमार    अर्थ शास्त्री 
यह शब्द कुछ अटपटा सा लग सकता है . मैं आपसे ही पूछता हूँ  उनके लिए बेस्ट शब्द क्या हो सकता है ? हमारे देश में बहुत पहले  लोग धार्मिक हुआ करते थे जिन्हें अब सांप्रदायिक कहा जाता है . उस समय एक कहावत प्रचलित थी , ' एक पंथ , दो काज .' प्रायः दो काज में दोनों कामों का अर्थ अच्छे काम के सन्दर्भ में होता था . जब अंग्रेज आये तो बात वीरता के साथ चालाकी की होने लगी और उन्होंने कहावत प्रयोग की ,' टु किल टू  बर्ड्स विथ वन  स्टोन ',अर्थात एक पत्थर फेंक कर दो चिड़िया मारना . वे मांसाहारी होते थे इसलिए चिड़िया मारना उन्हें बहुत अच्छा लगता था . फिर वे लोगों को भी चिड़िया समझते थे . आज के अर्थ शास्त्री अंग्रेजीदां हैं . उन्हें हिंदी से तो नफरत है . इसलिए वे भी चिड़िया मार  मुहावरे को बहुत पसंद करते हैं . जब आज के सुधार कार्यक्रमों को देखते हैं तो आश्चर्य होता है कि वे तो एक साथ कई चिड़िया मार रहे हैं  . 
            पहला पत्थर मारा ,गैस के दाम बढ़ा दिए . कंपनी वाले खुश .जो  खुश होता है वह ईश्वर के नाम पर , नेता के नाम पर , धंधे- पानी के नाम पर कुछ तो प्रसाद चढ़ाएगा  ही . गैस मंहगी  होगी तो लोग माइक्रो वेव ओवेन खरीदेंगे , उनका व्यवसाय चमकेगा वे भी प्रसाद बाँटेंगे . गैस न मिली तो खाना किस पर बनायेंगे ? इससे पिजा -बर्गर का व्यवसाय बढेगा . लोग पिजा बर्गर खायेंगे , बीमार पड़ेंगे , डाक्टरों , अस्पतालों , दवाई बनाने वालों  की चाँदी होगी  . इसीलिए पहले  से ही अस्पताल को उद्योग का दर्जा दे दिया गया है जिससे यह उद्योग चरखे जैसा न चलकर आधुनिक आटोमेटिक फैक्टरी  सरीखा दौड़ेगा ,फिर इसका विस्तार चाय नाश्ता पंहुचाने वालों से लेकर  बिल्डर , लोहा -सीमेंट,  मिस्त्री - मजदूर और न जाने कहाँ - कहाँ तक फैलेगा . इस तरह एक ही वार से कितनी चिड़िया मार गिराईं , आप गिन भी नहीं सकते हैं . और यदि बात डीज़ल के दाम की करें तो वह तो खतरनाक एटम बम की श्रंखला अभिक्रिया सरीखा है , डीजल का नाम लेकर लोग रोते जांयगे और चालाकी से दूसरों को लूटते जांएगे . चिड़ी मार अर्थ शास्त्रियों , तुम्हारा बलिहारी हूँ .

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