सोमवार, 1 अक्टूबर 2012

लक्ष्मी - वंदना

लक्ष्मी - वंदना  
लक्ष्मी  माता  विश्व  विधाता  तेरी  जय हो,जय हो , जय हो .
धन - सुख देने वाली माता   तेरी  जय हो, जय हो , जय हो .
हम हैं  तेरी शरण में आये  , भक्तों का भाग्य बना दे माता ,
हमको इतनी शक्ति तू  दे  दे ,हमारा हो  सत्कर्म   से  नाता .
माँ हमको आशीष दो अपना , हम तन - मन से स्वस्थ रहें  ,
हम  जो भी  व्यवसाय करें   माँ , वृद्धि करें  और व्यस्त रहें 
उद्यमी तेरी कृपा को पाता ,लक्ष्मी  माता , विश्व  विधाता, तेरी  जय हो,जय हो , जय हो .
जो पद माँ ने हमें  दिया है , हमारे     काम  हो सबसे अच्छे  ,
दिन पर दिन हम बढ़ते  जाएँ  ,अभी हम  तेरे   छोटे   बच्चे  .
बुद्धि -विवेक लगन हम रखें , जीवन को उत्साह से  भर दो 
हम  नित श्रम से कार्य करें  माँ ,हमारी झोली धन से भर दो .
सच्चे भक्तों से  माँ का नाता , लक्ष्मी  माता  विश्व  विधाता  तेरी  जय हो,जय हो , जय हो .
सबसे   व्यवहार में नम्र रहें लक्ष्मी जी ऐसी दया करें 
हमारा कोष बढ़े दिन पर दिन, कुबेर देवता कृपा करें .
अच्छे कार्यों से धन वृद्धि हो , अच्छे कार्यों में खर्चे हों ,
भक्ति - प्रेम नित बढ़ता जाये , सुख - खुशियों के चर्चे हों .
माँ का स्नेह है आनन्द लाता , लक्ष्मी  माता , विश्व  विधाता, तेरी  जय हो,जय हो , जय हो .
देश  मेरा समृद्ध करो  माँ , नेताओं  को  सन्मार्ग दिखाओ ,
अधिकारी सभी सदाचारी हों , जन- कल्याण की वृद्धि कराओ .
लोग सभी धन -ज्ञान युक्त हों ,कोष कभी न होवे खाली ,
कृपा हो लक्ष्मी माँ की सब पर , घर -.घर में हो रोज दीवाली .
जय हो पद- सम्मान प्रदाता  , लक्ष्मी  माता  विश्व  विधाता  तेरी  जय हो,जय हो , जय हो ..

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