लक्ष्मी - वंदना
लक्ष्मी माता विश्व विधाता तेरी जय हो,जय हो , जय हो .
धन - सुख देने वाली माता तेरी जय हो, जय हो , जय हो .
हम हैं तेरी शरण में आये , भक्तों का भाग्य बना दे माता ,
हमको इतनी शक्ति तू दे दे ,हमारा हो सत्कर्म से नाता .
माँ हमको आशीष दो अपना , हम तन - मन से स्वस्थ रहें ,
हम जो भी व्यवसाय करें माँ , वृद्धि करें और व्यस्त रहें
उद्यमी तेरी कृपा को पाता ,लक्ष्मी माता , विश्व विधाता, तेरी जय हो,जय हो , जय हो .
जो पद माँ ने हमें दिया है , हमारे काम हो सबसे अच्छे ,
दिन पर दिन हम बढ़ते जाएँ ,अभी हम तेरे छोटे बच्चे .
बुद्धि -विवेक लगन हम रखें , जीवन को उत्साह से भर दो
हम नित श्रम से कार्य करें माँ ,हमारी झोली धन से भर दो .
सच्चे भक्तों से माँ का नाता , लक्ष्मी माता विश्व विधाता तेरी जय हो,जय हो , जय हो .
सबसे व्यवहार में नम्र रहें लक्ष्मी जी ऐसी दया करें
हमारा कोष बढ़े दिन पर दिन, कुबेर देवता कृपा करें .
अच्छे कार्यों से धन वृद्धि हो , अच्छे कार्यों में खर्चे हों ,
भक्ति - प्रेम नित बढ़ता जाये , सुख - खुशियों के चर्चे हों .
माँ का स्नेह है आनन्द लाता , लक्ष्मी माता , विश्व विधाता, तेरी जय हो,जय हो , जय हो .
देश मेरा समृद्ध करो माँ , नेताओं को सन्मार्ग दिखाओ ,
अधिकारी सभी सदाचारी हों , जन- कल्याण की वृद्धि कराओ .
लोग सभी धन -ज्ञान युक्त हों ,कोष कभी न होवे खाली ,
कृपा हो लक्ष्मी माँ की सब पर , घर -.घर में हो रोज दीवाली .
जय हो पद- सम्मान प्रदाता , लक्ष्मी माता विश्व विधाता तेरी जय हो,जय हो , जय हो ..
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें