गुरुवार, 21 अक्तूबर 2010

नई जिंदगी

नई जिंदगी

मुझे पेट की शिकायत युवावस्था से थी । ५० वर्ष की आयु के बाद कष्ट अधिक बढ़ गए । ५५ वर्ष की अवस्था में रक्त युक्त दस्तों की संख्या १५ - २० प्रतिदिन तक हो गई । बहुत कठिनाई से ज्ञात हुआ कि बड़ी आंत में कैंसर है और दूसरी अवस्था में पहुँच गया है । चिकित्सा के लिए मैं कैंसर अस्पताल गया । वहां मुझे जो कुछ समझाया गया और जो कुछ मेरी समझ में आया कि मै इलाज करवाऊं तो २ साल और जी सकता हूँ । मुझे यह भी बतलाया गया कि मल के लिए एक थैली पेट के साइड से निकाली जायेगी जो हमेशा के लिए भी रह सकती है . मैं इस अवस्था में जीने के लिए तैयार नहीं था । घर वालों के दबाव के कारण इलाज करवाना पड़ रहा था । इलाज के बाद शासन से प्रतिपूर्ति प्राप्त हो जाए ,इसलिए भोपाल के हमीदिया अस्पताल से आवेदन अग्रेषित करवाने गया । वहां सर्जरी विभाग में मुझे डा . अरविन्द राय मिले । उन्होंने जाँच रिपोर्ट देखी और मुस्कुराते हुए बोले - "इसमें अग्रेषित करवाने कि क्या बात है । आप आज अस्पताल में भर्ती हो जाइये । आपरेशन करके दो दिनों में आपको रोग मुक्त कर देंगें ।" मैंने उनसे थैली कि समस्या बताई । उन्होंने कहा कि आपको थैली नहीं लगेगी । मैं उनकी बातों से आश्वस्त हो गया । हमीदिया अस्पताल के कैंसर विभाग के अध्यक्ष डा . ओ. पी . सिंह के निर्देश पर पहले ३ सप्ताह रेडियो थेरेपी कि गई जब कि कैंसर अस्पताल में ६ सप्ताह की थेरेपी बताई गई थी । आपरेशन से पूर्व मैंने डा . राय से कहा कि मेरे तो छोटे आपरेशन के घाव भी कई दिनों में भर पाए थे । डा .राय ने कहा ,''हम किस लिए हैं .आप कोई चिंता न करें । '' ४-५ घंटे आपरेशन चला । ९ इंच बड़ी आंत काटकर अलग कि गई । ११ दिनों में मुझे घर भेज दिया गया । लौटते समय रास्ते में मैंने स्वयं फल ख़रीदे . अस्पताल में जूनियर डाक्टरों ने इतनी तत्परता से काम किया कि मुझे पता ही नहीं चला कि मै बीमार हूँ । मैं सभी काम सामान्य रूप से करने लगा । टीम के दूसरे डा . माहिम कोशरिया से जब मैंने कहा कि पेट पर दाग है तो वे बोले , ''दाग क्यों रहेगा ?''उन्होंने एक ट्यूब लिख दी जिसे लगाने के बाद छुरी का निशान भी गायब हो गया । २१ दिनों के बाद मैं स्वयं कार चलाकर केमो थेरेपी के लिए जाने लगा । बिना किसी फीस के इतने बड़े रोग की इतनी आसानी से चिकित्सा सरकारी डाक्टर कर सकते हैं ,शायद विश्वसनीय न लगे परन्तु पिछले ४ वर्षों से ६१ वर्ष की आयु में मेरी नई जिन्दगी दौड़ रही है ।

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