काले धन को सरकारों का संरक्षण
विश्व भर में चोर ,लुटेरे , डाकू , डान , स्मगलर ,बाहुबली , राजनीति में घुसकर , या राजनीतिज्ञों से दोस्ती करके अपने देश की संपदा , धन -दौलत दूसरे देशों के बैंकों में जमा करते रहते हैं और वहां की सरकारें इस डकैती को पूरा-पूरा संरक्षण देती हैं । उच्चतम न्यायालय द्वारा भारत सरकार से यह पूछने पर कि गरीबों कि संपत्ति लूटने वालों के नाम उजागर क्यों नहीं कर रहें हैं , प्रधान मंत्री डा मनमोहन सिंह का यह कथन कि नाम उजागर करने से देश की प्रतिष्ठा गिर जायगी और विश्व में लोग हमारा विश्वास नहीं करेंगे , आश्चर्यजनक है । कौन हमारा विश्वास नहीं करेंगे ? इन नेताओं के नाम विदेशी बैंकों में कमीशन जमा करने वाले , देश के लोगों की गाढ़ी कमाई को लूटने में मदद करने वाले लोग हमारा विश्वास नहीं करेंगे । सरकार की पहली चिंता उन्हें संरक्षण देना है । वे रहेंगे , वे खुश रहेंगे तो इन लुटेरों के नाम भविष्य में भी दौलत जमा होती रहेगी । सत्तारूढ़ दल अपने या अपने सहयोगी सदस्य का नाम खोलेंगे तो सरकार अगले दिन गिर जायगी । एक का नाम भी बताएंगे तो पूरी लिस्ट खोलनी पड़ेगी । न्यायालय को सरकार से इतने साहस की आशा नहीं करनी चाहिए ।
देश में मंहगाई और भ्रष्टाचार से गरीब -अमीर सभी त्रस्त हैं । देश का बहुत सारा धन लूटने के कारण ,आज करोड़ों लोग गरीबी रेखा से नीचे जीने को मजबूर हैं । आज कोई मानवाधिकार वादी गरीबों के पक्ष में अपना मुंह नहीं खोल रहा है .लेकिन यदि इनमें से कभी कोई धोखे से पकड़ में आ गया , उसे दो- चार दिन जेल में रहना पड़ा ,तो ये आसमान से बरस पड़ेंगे और उन्हें बचाने के लिए हा-हा कार मचा देंगे । डाकू ,लुटेरे राजनीतिज्ञ - अफसर बड़े पक्के दिल से देश को चूसते रहते हैं , पहलवान बने रहते हैं । जिस दिन उन्हें पकड़ लिया जाय ,उन्हें दिल का दौरा पड़ जाता है कि अब और कमाई कैसे करेंगे .उनके लिए सारी चिकित्सा सुविधाएँ उपलब्ध करवाई जाती है और बड़े जतन से संभाल -संभाल कर रखा जाता है । अधिकांश स्थितियों में न्याय व्यवस्था उनके साथ होती है । इसलिए भ्रष्टाचार होते आ रहे हैं , बढ़ते जा रहे हैं और बढ़ते जायेंगे , कोई कितना सर पटक ले ।
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