दिग्विजय सिंह महान जादूगर
दिग्विजय सिंह एक महान जादूगर हैं .यह उन्होंने अपने अनेक कारनामों से सिद्ध कर दिया है . नया विवाद ठाकरे परिवार का बिहार से आना है . इस विवाद से न तो राज ठाकरे अपने विचार बदलने वाले हैं और न जनता का भला होने वाला है . परन्तु अपने मायाजाल में उन्होंने मीडिया और लोगों को ऐसा उलझाया कि लोग कोयले आदि के घपलों , मुंबई में हुए पुलिस के जवानों पर आक्रमण , पुलिस कमिश्नर द्वारा पकड़े गए दंगाइयों को छुड़वाना , दंगा रोकने वाले पुलिस अधिकारियों को सार्वजनिक रूप से डांटना कि उन्हें क्यों पकड़ा और इस काम के लिए महाराष्ट्र की कांग्रेस सरकार द्वारा उनको पदोन्नत करना जैसे मामले उनके हाथ की सफाई से उड़नछू हो गए .लोग उनके जादू में इतना खो गए कि वे यह भी भूल गए कि मुंबई में ११ अगस्त को हुए दंगो को न रोकने और राज ठाकरे को भी क्षेत्रीयता फ़ैलाने के लिए न रोकने का काम उनकी कांग्रेस सरकार क्यों नहीं करना चाहती है . बंगला देशियों के मामले में चुप रहने ,असम के दंगों में ४ लाख लोगों के विस्थापित होने देने तथा अनेक लोगों के मारे जानेऔर घायल होने से न रोकने तथा भयभीत असमियों को बंगलुरु में धीरज बंधाने के स्थान पर पलायन करने के लिए तीन विशेष ट्रेनों की व्यवस्था करने के पीछे केंद्र ,महाराष्ट्र और असम की कांग्रेस सरकार की देश को पुनः विभाजित करने की कितनी बड़ी चाल है .जब -जब कांग्रेस सरकार आफत में फंसती है तो सोनिया जी के दायें हाथ की तरह काम करने वाले दिग्विजय सिंह कभी ठाकरे , कभी हिन्दू आतंकवाद , कभी संघ , कभी साम्प्रदायिकता के मुद्दे इतनी खूबसूरती से उछालते हैं कि लोग आसमान ही देखते रह जाते हैं और जमीन पर शातिर लोग अपनी योजनाएं सफलता पूर्वक संपन्न कर लेते हैं .दिग्विजय सिंह को शायद यह नहीं मालूम होगा कि कश्मीर से जाकर पंजाब में बसने वाले एक ब्रह्मण परिवार ने इस्लाम धर्म अपना लिया था . २५० वर्ष बाद उसमें प्रसिद्द शायर इकबाल हुए जिन्होंने धर्म के आधार पर पृथक पाकिस्तान का विचार सर्वप्रथम दिया था जो उनकी मृत्यु के ९ वर्ष बाद साकार हुआ .
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें