गणपति देवता
गणेश देवता विघ्नविनाशक, दयालु प्रभु कल्याण हैं करते .
सुख- आनंद को देने वाले, भक्तों के दुःख - रोगों को हरते .
नवग्रह
नवग्रह आप अनुग्रह कीजिये, भय - कष्टों का हरण करें .
सुख - समृद्धि के आप हैं दाता, पधारें , आसन गृहण करें .
महालक्ष्मी
धन से है यह विश्व विचरता, धन में सब गुण और सम्मान .
महालक्ष्मी ! नमन हैं करते, दें वरदान , बढ़ाएं मान .
सरस्वती
हमारे ज्ञान चक्षु खोलें, विद्या - विवेक की वृद्धि करें .
मां सरस्वती, नमन हैं करते , वर देकर समृद्ध करें .
दीपक
सूर्य- चन्द्र सम ऊर्जा संचित, अग्निदेव का शक्ति भण्डार .
दीपक ज्ञान- प्रकाश बिखेरें, जग से दूर करें अन्धकार .
कलश
पवित्र गंगा, यमुना, सरस्वती, पंचनद, ब्रह्मपुत्र, कावेरी,
इरावती, महानदी, कृष्णा, सागर, नर्मदा और गोदावरी.
सूक्ष्म रूप से कलश में आयें, मेरे पूजन को सफल बनाएं.
कुबेर
महालक्ष्मी देतीं धन - दौलत , कुबेर देवता रक्षा करें .
दिन पर दिन यह कोष बढे , कुबेर देवता कृपा करें .
कलम-दवात- बही- कंप्यूटर पूजन
कलम-दवात- बही- कंप्यूटर, सब हों सही और स्वस्थ रहें .
कम्पूटर वायरस से हों मुक्त , आयकर से खाते बचे रहें .
सरकार भी व्यवसायी को समझे, उद्योग-हित में भी काम करे .
विदेशी ही सब कुछ नहीं होते , राष्ट्र हित में भी निर्णय ले .