मंगलवार, 21 मार्च 2017

करनी का फल

करनी का फल

करनी का फल पाएँगे, यह ईश्वर का न्याय.
बोया बीज बबूल का, आम कहां ते खाय..
उदहारण : १. अमेरिका के निर्माता मानवीय सोच के थे. उन्होंने लोकतान्त्रिक व्यवस्थाएं स्थापित कीं. इसलिए वहां लोकतंत्र है. २. नव भारत का जन्म गांधीजी के आन्दोलन से हुआ. इसलिए भारत आंदोलनों से चल रहा है. सेना, प्रधान मंत्री, राष्ट्रपति, राज्यपाल तथा जजों को छोड़ दें जो गाँधीवादी नहीं हैं तो शेष सारे लोग आन्दोलन करते मिलेंगे. इससे देश में अराजकता की स्थिति निर्मित हुई है. ३. पाकिस्तान का निर्माण आतंकवादी जिन्ना ने किया था, वहां निरंतर आतंकवाद का विकास हो रहा है.४. नेपाल के हिन्दू लोग भाग्यवादी रहे. शुद्ध भाग्यवादी पशु तुल्य बेचारा होता है. वह स्वयं कुछ नहीं कर पाता. जितना ईश्वर ने दे दिया, उसी में जीवन व्यतीत करना पड़ता है. इसलिए नेपाल आज भी गरीब है.५. भारत में ब्राह्मणों-क्षत्रियों ने जातिवाद के बीज बोए, आज उनकी संतानें उसी का फल भोग रही हैं.
यदि देश में स्थाई शांति और सुख चाहिए तो सबको परस्पर प्रेम से रहना होगा, परस्पर सहयोग और विकास की भावना विकसित करनी होगी, सुरक्षा, शिक्षा और न्याय व्यवस्था सुदृढ़ और सक्रिय करनी होगी तथा अपने देश को अपना देश कहने में गौरव का अनुभव करना होगा. 

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