रामराज्य
सत्यवचन,
जनभावना, तदनुसार हों काम ,
भय,आतंक
निवारिये, यही राम के नाम.
दैहिक,दैविक
,भौतिक तापों से , मुक्त हों सब इंसान ,
निज
स्वार्थ को त्यागिये , सबका कीजिये सम्मान .
सुन्दर
बनें विचार ,कभी न लोग दुखी हों ,
राम
राज्य का अर्थ ,कि सब संपन्न- सुखी हों .
स्वार्थ
, लोभ,भय, ईर्ष्या ,भूख,प्यास,अज्ञान ,
स्नेह,सुरक्षा
, क्रूरता ,सब जीवों में एक सामान .
सब जीवों में एक सामान, प्रेम,वासना और निद्रा,
पशु न
जाने बोल ,भविष्य,योजना और मुद्रा .
बस भरता
जाए पेट ,विपदा में रहे बेचारा ,
कर सके न
कोई प्रयास ,भाग्य बस एक सहारा
.जिनमें
है विद्या नहीं ,न ताप ,न दान विचार ,
बोझ बने
हैं धरती पर ,उन लोगों को धिक्कार .
उन लोगों
को धिक्कार,जो लगते मानव जैसे ,
न कर्म,
न कोई विचार ,मनुष्य बनें वे कैसे .
बुद्धि,ज्ञान
करुना क्षमा , साहस, सहयोग-विचार ,
सच्चा
मानव उन्हें मानिए ,वसुधा जिनका परिवार .
उन्माद,शत्रुता,आक्रमण,
विस्फोट,विध्वंस ,संहार,
राक्षसों
के ये कर्म हैं ,संस्कृति पर करें प्रहार .
संस्कृति
पर करें प्रहार, वे मानवता के दुश्मन ,
हत्याएं
लूट-विचार ,प्रफुल्लित हो उनका मन .
छोटेराक्षस
रहें छिपकर,प्रतीक्षा वे अवसरकी करते,
महा
राक्षस होते मायावी,वे सत्ता में बैठ विचरते.
विश्व का
इतिहास है ,इस तथ्य का प्रमाण ,
विध्वंस-कर्म
न रोक सके ,जनता का कल्याण.
जनता का
कल्याण है देव शक्ति की जीत ,
विद्या,ज्ञान,सेवा,उत्साह,जनहित-कर्म,संगठनऔर
प्रीत.
स्वार्थभाव
से रहित निरंतर काम जो करते ,
ईश्वर
देता है शक्ति ,प्रगति की सीढ़ी चढ़ते .
जागो ,देश के
प्यारों जागो
यह देश
तुम्हें पुकार रहा है
गद्दार तुम्हें
ललकार रहा है .
गद्दारों
ने हैं जाल बिछाए
अच्छे –अच्छे
उसमें फंस जाएँ.
स्वयं को
जो सरकार हैं कहते जमकर भ्रष्टाचार हैं करते .
ये सब
गद्दारों के रक्षक
रक्षक
इसी लिए बने हैं भक्षक .
कोई
संतुष्ट नहीं दिखता है
सब
वर्गों में कष्ट मिलता है.
यह कैसी
शासन पद्धति है
जिसमें
जन की नहीं सम्मति है.
यह कैसा
गणतंत्र बनाया
यह कैसा
क़ानून बनाया .
लूट खसोट
स्वयं स्वीकृत है
उसके
विरोधकी नहीं अनुमति है
किसका यह
देश कोई न जाने
अपने ही
लोग बने अनजाने .
तुम अपनी
ताकत पहचानो
अहित
कार्य को कभी न मानो .
जिनसे
देश के टुकड़े होते
ऐसे
क़ानून बनाए किसने .
तुम अपनी
आत्मा से पूछो
पग-पग पर
शूल उगाये किसने.
जागो देश
के प्यारों जागो
डटे रहो पीछे न भागो
तुम ही
मालिक हो बस्ती के
तुम ही
राजा इस धरती के .
तुमको
लोकतंत्र है लाना
रामराज्य
को पुनः बनाना.
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