शुक्रवार, 8 अप्रैल 2011

अन्ना जी के साथ

अन्ना जी के साथ

भ्रष्टाचारी अर्थ शास्त्रियो ने , देश किया बर्बाद ,
देश बेच कर हो रहे , मंत्री-अफसर आबाद .
मंत्री-अफसर आबाद , नाम जनता का लेते ,
लूटें नोट पे नोट , विदेशों को है देते .
बाबा अन्ना हैं अभी , देश के पहरेदार ,
जनता मिल-जुल एक हो, गद्दारों से होशियार .१.

रंग बदलती जा रही , सोनिया की सरकार
सोनिया जी खामोश थीं ,होते गए भ्रष्टाचार.
होते गए भ्रष्टाचार , राहुल जी कुछ नहीं बोले,
मनमोहन हैं व्यस्त , कभी न आँखें खोलें .
अन्ना जी को आज, जो नेता नहीं स्वीकारें ,
वे भ्रष्टों के एजेंट, उन्हें पहचानो प्यारे .२.

भ्रष्टाचारी हैं कर रहे , लोगों पर आघात,
देश की जनता आ गयी , अन्ना जी के साथ .
अन्ना जी के साथ ,सड़क पर हम सब आयें ,
दिखा दें अपनी शक्ति , लोक धुन उन्हें सुनाएँ,
फूल गया है बहुत , भ्रष्टाचारी गुब्बारा ,
उसमें कर दो इक छेद, यही है अंतिम चारा .३.

डा.ए. डी. खत्री ,भोपाल

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